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लो-कॉस्ट मार्केटिंग के आइडिया

यह बहुत आम बात है कि मार्केटिंग में बड़ा मुनाफ़ा पाने के लिए आपके पास बड़ा बजट होना चाहिए। ऐसी स्थिति में आप जितना ज़्यादा पैसा लगाते हैं, उतना ज़्यादा मुनाफा आपको मिलता है। अगर आपके पास बड़ा बजट नहीं है, तो चिंता न करें। इस पोस्ट  में, हम आपको बताएंगे कि आप काम बजट में होने वाली मार्केटिंग के ज़रिये बड़ा मुनाफ़ा कैसे कमा सकते हैं।

लो-कॉस्ट मार्केटिंग स्ट्रैटजी का अर्थ है न्यूनतम लागत पर क्रिएटिव और मार्केटिंग के नए तरीके का इस्तेमाल करना।

यह एक जादू की छड़ी की तरह है।

1. लो-कॉस्ट मार्केटिंग आइडिया के फ़ायदे:

  • कॉस्ट-इफेक्टिव (Cost Effective): लो-कॉस्ट मार्केटिंग आइडियाज कॉस्ट-इफ़ेक्टिव होते हैं, तो आप उनका इस्तेमाल नए तरीके से कर सकते हैं।

कम बजट में प्रचार करने के विभिन्न चैनल:  आप अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करने के लिए विभिन्न मार्केटिंग चैनल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो पारंपरिक चैनल्स के ज़रिये संभव नहीं है।

  • मार्केटिंग की कॉस्ट-इफेक्टिवनेस को चेक करें: आज क्रिएटिविटी और इनोवेशन मार्केटिंग का आधार बन गए हैं। आने वाली पीढ़ी एक एडवांस जनरेशन होगी, जिसे अल्फा जनरेशन भी कहा जाता है। वे टेक्नोलॉजी के इर्द-गिर्द होंगे, यही कारण है कि आपकी मार्केटिंग स्ट्रैटजी नई और अलग होनी चाहिए, जो लोगों को आपके प्रोडक्ट की ओर आकर्षित कर सके।

2. प्रभावी मार्केटिंग टूल्स

अभी तक मार्केटर्स को केवल 4Ps के बारे में ही पता था

  • प्रोडक्ट
  • प्राइस
  • प्लेस
  • प्रमोशन

लेकिन अब ये काफ़ी नहीं है, आपको इसके अलावा 4 Es के बारे में भी पता होना चाहिए:

  • इंगेजमेंट (Engagement)
  • एक्सपीरियंस (Experience)
  • एक्सक्लूसिविटी (Exclusivity)
  • इमोशन (Emotion)

3. Post में मार्केटिंग स्ट्रैटजी

  1. वायरल मार्केटिंग (Viral Marketing): अपने प्रोडक्ट और सर्विस के बारे में बज्ज़ क्रिएट करने का प्रयास करें। लोग आपके प्रोडक्ट के बारे में बात करेंगे और आपका ब्रैंड वायरल हो जाएगा। इसे वायरल मार्केटिंग कहते हैं।
  2. स्ट्रीट मार्केटिंग (Street Marketing): स्ट्रीट मार्केटिंग में, एक ब्रैंड को अपने प्रोडक्ट या ब्रैंड को सड़क पर इतने क्रिएटिव तरीके से प्रमोट करने की ज़रूरत होती है कि लोग उसका भरपूर आनंद ले सके।
  3. एंगेजमेंट मार्केटिंग (Engagement Marketing): इस मार्केटिंग में, आपको कस्टमर से जुड़ने के लिए नए तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।
  4. एम्बिएंट मार्केटिंग (Ambient marketing):  एम्बिएंट मार्केटिंग में, आपको अपने प्रोडक्ट को एक ऐसे असामान्य स्थान पर रखने की ज़रूरत होती है, जहां लोगों ने इसकी उम्मीद तक ना की हो।
  5. बिंज मार्केटिंग (Binge Marketing): बिंज मार्केटिंग के ज़रिये, आप कस्टमर के मन में जिज्ञासा पैदा करते हैं और धीरे-धीरे, वे आपके प्रोडक्ट की ओर आकर्षित होते हैं।
  6. कॉज़ मार्केटिंग (Cause Marketing): अगर कोई ब्रैंड या कंपनी लैंगिक असमानता, डाइवर्सिटी जैसे सामाजिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है, तो लोग उनसे जुड़ना चाहते हैं।
  7. अंडर कवर मार्केटिंग (Undercover Marketing): कस्टमर से जुड़ने का यह अप्रत्यक्ष तरीका है। इसमें ग्राहक यह नहीं जान पाते की प्रोडक्ट की मार्केटिंग की जा रही है। ठीक वैसे ही जैसे सोशल मीडिया में किसी प्रोडक्ट का प्रचार करना, जहां लोगों को शायद ही इसकी जानकारी होती हो। लेकिन वे इस पर कमेंट करते हैं और इसे टैग करते हैं।
  8. नैनो इन्फ्लुएंसर मार्केटिंग (Nano influencer Marketing): यह एक कॉस्ट-इफेक्टिव तकनीक भी है। नैनो इन्फ्लुएंसर वे होते हैं, जो सोशल मीडिया पर मौजूद हैं। उनके पास मज़बूत या बहुत ज़्यादा फॉलोअर्स नहीं होते, लेकिन वे अपने फॉलोअर्स के लिए कमिटेड हैं।
  9. चैलेंज मार्केटिंग (Challenge Marketing): इस मार्केटिंग में, ब्रैंड या कंपनियां अपने ब्रैंड को प्रमोट करने के लिए अपने कस्टमर को प्रोडक्ट से संबंधित एक चुनौती देती हैं।
  10. स्मार्टफ़ोन मार्केटिंग (Smartphone Marketing): लोग आज कल स्मार्टफ़ोन पर काफ़ी समय बिताते हैं। अगर आप अपने प्रोडक्ट की मार्केटिंग के लिए स्मार्टफ़ोन का इस्तेमाल कर सकते हैं, तो यह बहुत कॉस्ट-इफेक्टिव होगा।
  11. ह्यूमर मार्केटिंग (Humour Marketing): लोग हंसी-मज़ाक पसंद करते हैं। इसलिए बिना किसी हास्य एलिमेंट के, शायद ही कोई मार्केटिंग कैंपेन सफल हो पाएगा, क्योंकि इसके बिना लोग आपके ब्रैंड को याद नहीं रख पाएंगे। इसलिए इस एलिमेंट को अपनी मार्केटिंग में जोड़ना ज़रूरी है।
  12. मीम मार्केटिंग (Meme Marketing): सोशल मीडिया पर, मीम्स खुद को एक्सप्रेस करने का एक बेहतरीन जरिया बन गया है। इसलिए, अगर आप अपने प्रोडक्ट को प्रमोट करने के लिए मीम्स का इस्तेमाल करते हैं, तो यह कॉस्ट-इफेक्टिव होगा।
  13. फ़िल्म-बेस्ड मार्केटिंग (Film- Based Marketing): फ़िल्म- बेस्ड मार्केटिंग भी, आपने ब्रैंड को प्रमोट करने का अच्छा तरीका है। साथ ही, यह थोड़ा महंगा भी है। लेकिन, post में बताया गया है कि आप इसे किफ़ायती तरीके से कैसे कर सकते हैं।
  14. मोमेंट मार्केटिंग (Moment Marketing): कभी-कभी, आप अपने ब्रैंड को प्रमोट करने के लिए मार्केटिंग कैंपेन बनाने के लिए किसी मोमेंट या किसी बड़े इवेंट का लाभ उठा सकते हैं।

परिणाम

  • विभिन्न प्रकार के लो-कॉस्ट मार्केटिंग तरीकों के बारे में जानें
  • लो-कॉस्ट मार्केटिंग तरीकों का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करना सीखें
  • विभिन्न प्रकार के गैर-पारंपरिक मार्केटिंग चैनल्स के बारे में जानें

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